🌍jesus comment for end of day क्या प्रभु यीशु मसीह की भविष्यवाणी आज पूरी हो रही है? – अंत के दिनों की चेतावनी 🔥?
समाचार चैनल खोलिए, अखबार देखिए या सोशल मीडिया स्क्रॉल कीजिए — हर तरफ बस संकट, अशांति, युद्ध, बीमारी, भूकंप और नैतिक पतन की खबरें दिखाई देती हैं। लोग पूछते हैं: “ये सब क्या हो रहा है?”, “क्या दुनिया खत्म हो रही है?”, “क्या ये आखिरी समय है?”
और इसी पृष्ठभूमि में एक सवाल गूंजता है जो 2000 साल पहले भी गूंजा था — क्या प्रभु यीशु मसीह ने इन सब बातों के बारे में पहले ही नहीं कहा था?
जब प्रभु यीशु अपने चेलों के साथ जैतून पर्वत पर बैठे थे, उन्होंने भविष्य के बारे में कुछ चौंका देने वाली बातें कहीं — और आज, वो बातें सच होती दिखाई दे रही हैं।
उन्होंने कहा:
📖 “जब तुम युद्धों और युद्ध की अफवाहों की चर्चा सुनो, तो घबरा न जाना; ये बातें अवश्य होंगी…” (मत्ती 24:6)
2022 से अब तक, हम एक ऐसे दौर में प्रवेश कर चुके हैं जहाँ युद्ध अब केवल बंदूकों तक सीमित नहीं हैं।
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यूक्रेन और रूस का युद्ध अब तीसरे वर्ष में चल रहा है, और इसने दुनिया को आर्थिक, राजनीतिक और नैतिक रूप से झकझोर दिया है।
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चीन और ताइवान के बीच तनाव विश्व युद्ध जैसी स्थिति बना सकता है।
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इज़राइल और हमास के बीच हाल की हिंसात्मक लड़ाई में हजारों लोग मारे गए — एक ऐसा संघर्ष जो सीधे बाइबल की भविष्यवाणी से जुड़ा है (जकर्याह 12:2-3)।
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दुनिया के कई हिस्सों में धार्मिक और जातीय संघर्ष बढ़ते जा रहे हैं।
क्या ये वही "युद्ध और युद्ध की अफ़वाहें" नहीं हैं, जिनका जिक्र प्रभु यीशु ने किया था?
फिर उन्होंने कहा:
📖 “जगह-जगह अकाल होंगे, भूकंप होंगे, महामारी होंगी…” (लूका 21:11)
2020 में कोरोना वायरस (COVID-19) ने पूरी दुनिया को घुटनों पर ला दिया।
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लाखों की जान गई।
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अर्थव्यवस्था ठप हो गई।
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चर्च, मंदिर, मस्जिद सब बंद हो गए।
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लोग डर, अलगाव, और मानसिक थकावट से गुजरने लगे।
क्या आपने कभी कल्पना की थी कि एक वायरस पूरे संसार को बंद कर सकता है?
प्रभु ने पहले ही चेताया था कि अंत समय में महामारी आएंगी।
और फिर देखिए हाल ही में क्या हो रहा है:
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जापान में 7.6 तीव्रता का भूकंप
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तुर्किये और सीरिया में 2023 में आए भूकंप में 50,000 से अधिक मौतें
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उत्तर भारत और नेपाल में लगातार भूकंप के झटके
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अफ्रीका के कई हिस्सों में अकाल
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कैलिफोर्निया, ग्रीस और कनाडा में जंगलों की आग
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समुद्रों में सुनामी की चेतावनियाँ
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और अंटार्कटिका के ग्लेशियर टूट रहे हैं।
ये सिर्फ वैज्ञानिक तथ्य नहीं हैं — ये चेतावनी हैं। बाइबल की भाषा में कहें तो ये "जन्म की पीड़ाएं" हैं (मत्ती 24:8)। यानी जैसे एक स्त्री के प्रसव से पहले पीड़ाएं बढ़ती हैं, वैसे ही मसीह के पुनरागमन से पहले संकट भी बढ़ते जाएंगे।
अब बात करते हैं समाज की —
प्रभु यीशु ने कहा था:
📖 “लोग अपने से प्रेम रखने वाले होंगे, धन के लोभी, अभिमानी… प्रेम ठंडा पड़ जाएगा।” (2 तीमुथियुस 3:1-5, मत्ती 24:12)
देखिए आज का समाज —
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सोशल मीडिया पर दिखावा
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रिश्तों में वफादारी कम, स्वार्थ अधिक
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नैतिक मूल्यों में गिरावट
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फैमिली टूटती जा रही है, तलाक बढ़ रहे हैं
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छोटे बच्चे अपराध कर रहे हैं, और बड़े लोग आत्मा को मारकर जी रहे हैं
हम ‘लाइक’ और ‘फॉलो’ के पीछे भागते हैं लेकिन वास्तविक रिश्तों में खोखले हो चुके हैं।
इन्हीं संकेतों में प्रभु ने एक और बात कही —
📖 “बहुत से झूठे मसीह और भविष्यवक्ता उठेंगे, और बहुतों को भरमा देंगे।” (मत्ती 24:11)
क्या आपने देखा है कि आज कैसे कई लोग खुद को "ईश्वर का रूप", "कलियुग का भगवान", या "नया मसीहा" कह रहे हैं?
वे बड़ी भीड़ इकट्ठा कर लेते हैं, चमत्कार दिखाते हैं, लेकिन लोगों को सत्य से दूर ले जाते हैं।
यह सब धोखे की आत्मा का कार्य है — और यह वही है जिसकी भविष्यवाणी प्रभु यीशु ने की थी।
अब जरा यह सुनिए:
📖 “और यह राज्य का सुसमाचार सारी दुनिया में प्रचार किया जाएगा, तब अंत आएगा।” (मत्ती 24:14)
आज इंटरनेट, मोबाइल, यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, और ऐप्स ने प्रभु यीशु के सुसमाचार को घर-घर तक पहुँचा दिया है।
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YouVersion Bible App को 50 करोड़ से ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं।
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बाइबल 3,500+ भाषाओं में अनुवादित हो चुकी है।
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भारत जैसे देश में भी लाखों लोग मसीही विश्वास में आ रहे हैं।
इसका मतलब क्या है?
अंत अब दूर नहीं, बहुत पास है।
अब सुसमाचार सुनाया जा चुका है — अब निर्णय का समय है।
और सबसे अंतिम चेतावनी:
📖 “तब मनुष्य के पुत्र का चिन्ह आकाश में दिखाई देगा… और वे उसे बादलों पर आते देखेंगे।” (मत्ती 24:30)
यीशु मसीह दोबारा आएंगे — वह समय जब हर घुटना झुकेगा और हर ज़ुबान मानेगी कि यीशु ही प्रभु हैं (फिलिप्पियों 2:10-11)।
वह न्याय करने आएंगे — और फिर दो ही मार्ग होंगे:
या तो अनंत जीवन या अनंत विनाश।
तो सवाल यह नहीं है कि “क्या यह अंत का समय है?”
सवाल यह है — क्या आप तैयार हैं?
क्या आपने अपने पापों से मन फिराया है?
क्या आप प्रभु के वचन में जी रहे हैं?
क्या आपका जीवन मसीह के पुनरागमन के लिए तैयार है?
यीशु आज भी दरवाजे पर खड़ा है। वह प्रेम करता है। वह चाहता है कि कोई नाश न हो। लेकिन वह जब आएगा, तो समय समाप्त हो जाएगा।
📖 “इसलिये तुम भी तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम सोचते नहीं, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा।” (मत्ती 24:44)
🔔 निष्कर्ष:
आज की घटनाएँ केवल समाचार नहीं हैं — वे चेतावनी की घंटी हैं।
प्रभु यीशु ने जिन बातों की भविष्यवाणी की थी, वे एक-एक करके पूरी हो रही हैं।
अब समय है जागने का, लौटने का, और तैयार होने का।
आज का दिन है उद्धार का। कल शायद बहुत देर हो जाए।
प्रभु यीशु मसीह ने अंत के दिनों के बारे में क्या कहा? – एक गहरी झलक 🌍
जब हम "अंत के दिन" या "End Times" की बात करते हैं, तो हमारे मन में कई सवाल उठते हैं – क्या सच में यह संसार खत्म होने वाला है? क्या अभी जो हम देख रहे हैं, वह किसी भविष्यवाणी की पूर्ति है? और अगर हाँ, तो प्रभु यीशु मसीह ने इस बारे में क्या बताया? क्या उन्होंने संकेत दिए थे? और क्या हम उन संकेतों को आज देख रहे हैं? बाइबल इन सवालों का बहुत ही स्पष्ट उत्तर देती है, खासकर उस समय की बात जब प्रभु यीशु जैतून पर्वत पर अपने चेलों के साथ बैठे थे और उन्होंने अंत के दिनों के बारे में विस्तार से बताया।
मत्ती 24, मरकुस 13, और लूका 21 अध्यायों में यह ऐतिहासिक संवाद दर्ज है, जिसे “ओलिवेट भाषण” के नाम से जाना जाता है। चेलों ने प्रभु से सीधा प्रश्न किया, “हमें बता कि ये बातें कब होंगी, और तेरे आने और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?” (मत्ती 24:3)। प्रभु ने इस प्रश्न का उत्तर न केवल बड़ी गंभीरता से दिया, बल्कि इतनी सच्चाई और विस्तार से दिया कि वह आज भी मानवता के लिए एक चेतावनी और मार्गदर्शन बना हुआ है।
प्रभु यीशु ने सबसे पहले एक बात स्पष्ट कर दी — अंत का दिन आएगा जरूर, लेकिन उससे पहले कुछ चिन्ह दिखाई देंगे जो बतायेंगे कि वह समय निकट है। सबसे पहला चिन्ह था धोखा। उन्होंने कहा, “चौकसी करना, कि कोई तुम्हें न बहकाए। क्योंकि बहुत से मेरे नाम से आकर कहेंगे, कि मैं मसीह हूं; और बहुतों को भरमा देंगे।” (मत्ती 24:4-5)। इसका अर्थ है कि झूठे मसीहा, झूठे धर्मगुरु, और ऐसे लोग जो खुद को उद्धारकर्ता कहेंगे, वे लोगों को भ्रमित करेंगे। क्या हम आज ऐसा नहीं देख रहे? हर तरफ स्वयंभू गुरु, झूठे चमत्कार, और आत्मिक धोखाधड़ी का बोलबाला है।
फिर प्रभु ने युद्धों और अफवाहों की बात की। “जब तुम युद्धों और युद्ध की अफ़वाहों की चर्चा सुनो, तो घबरा न जाना।” (मत्ती 24:6)। उन्होंने बताया कि एक जाति दूसरी जाति के विरुद्ध, और एक राज्य दूसरे राज्य के विरुद्ध उठ खड़ा होगा। यह संकेत आज की वैश्विक राजनीति में साफ़ नज़र आता है — विश्व युद्ध, शीत युद्ध, आतंकवाद, यूक्रेन और रूस की लड़ाई, चीन और ताइवान का तनाव, और परमाणु शक्ति की दौड़। ये सब भविष्य में किसी और बड़ी विपत्ति की ओर इशारा कर रहे हैं।
प्राकृतिक आपदाओं की ओर प्रभु का ध्यान फिरा। “जगह-जगह अकाल और भूकंप होंगे।” (मत्ती 24:7)। और लूका में उन्होंने महामारी और भयानक दृश्य तक का उल्लेख किया (लूका 21:11)। सोचिए, क्या कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी ने हमें नहीं झकझोरा? क्या अचानक आई सुनामी, भूकंप, सूखा और बाढ़ें अब सामान्य होती जा रही हैं? ये वही संकेत हैं जिन्हें प्रभु ने 2000 साल पहले बताया था।
फिर प्रभु ने बताया कि उनके अनुयायियों को सताया जाएगा, “वे तुम्हें क्लेश में डालेंगे, और मार डालेंगे; और मेरे नाम के कारण सब जातियों के लोग तुम से बैर रखेंगे।” (मत्ती 24:9)। आज बहुत से देशों में मसीहियों को उनके विश्वास के कारण मार दिया जाता है, जेल में डाला जाता है, या सताया जाता है। यह कोई संयोग नहीं, यह वही है जो पहले ही कह दिया गया था।
उन्होंने एक बहुत ही मार्मिक बात कही — “और अधर्म बढ़ने के कारण बहुतों का प्रेम ठंडा हो जाएगा।” (मत्ती 24:12)। आज की दुनिया में हम यही देख रहे हैं। लोग स्वार्थी होते जा रहे हैं, संबंधों में प्रेम कम हो रहा है, परिवार टूट रहे हैं, और भाईचारा समाप्त होता जा रहा है। जब इंसान खुद को ही सबसे ऊपर समझने लगता है, तब उसका हृदय कठोर हो जाता है। प्रभु ने यह पहले ही कह दिया था।
लेकिन इन सबके बीच प्रभु ने एक अद्भुत आशा भी दी — “और जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, वही उद्धार पाएगा।” (मत्ती 24:13)। यानी यह समय कठिन ज़रूर होगा, लेकिन जो व्यक्ति प्रभु में बना रहेगा, जो सच्चे मन से विश्वास करेगा और डटेगा, वह अंत तक सुरक्षित रहेगा। यह एक आशीष है हर विश्वास करने वाले के लिए।
फिर उन्होंने वह सबसे महत्त्वपूर्ण भविष्यवाणी की — “यह राज्य का सुसमाचार सारी दुनिया में प्रचार किया जाएगा, सब जातियों के गवाह के लिए; तब अन्त आएगा।” (मत्ती 24:14)। क्या आप जानते हैं कि आज इंटरनेट, मोबाइल ऐप्स, सोशल मीडिया और मिशनरी संगठनों की वजह से बाइबल लगभग हर भाषा में उपलब्ध है और सुसमाचार हर देश तक पहुँच रहा है? इसका अर्थ है कि वह समय निकट है जब “अंत आएगा”, जैसा प्रभु ने कहा।
एक और प्रमुख संकेत जो यीशु ने बताया, वह था “घृणित उजाड़नेवाली वस्तु” का मंदिर में खड़ा होना (मत्ती 24:15)। यह दानिय्येल की भविष्यवाणी से जुड़ा है, और यह अंतिम महाक्लेश (Great Tribulation) की शुरुआत को दर्शाता है। यह वह समय होगा जब संसार में सबसे अधिक पीड़ा, धोखा और विनाश देखा जाएगा। प्रभु ने इसे इतना गंभीर बताया कि कहा, “यदि वे दिन घटाए न जाते, तो कोई प्राणी बचता ही नहीं।” (मत्ती 24:22)
प्रभु ने चेतावनी दी कि उस समय बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता और झूठे मसीह चिन्ह और चमत्कार दिखाकर भी लोगों को भरमाएँगे, और यदि संभव हो तो चुने हुए लोगों को भी। (मत्ती 24:24) इसका अर्थ है कि केवल ज्ञान या अनुभव से नहीं, बल्कि पवित्र आत्मा के सामर्थ्य से ही कोई धोखे से बच सकता है। आज हम यही देख रहे हैं — जो दिखता है वह सत्य नहीं, और सत्य अक्सर छिपा होता है।
अंत में प्रभु ने बताया कि सूर्य अंधकारमय हो जाएगा, चंद्रमा प्रकाश नहीं देगा, और तारे आकाश से गिरेंगे (मत्ती 24:29)। और तभी “मनुष्य के पुत्र का चिन्ह आकाश में दिखाई देगा।” (मत्ती 24:30)। वह बड़े महिमा और सामर्थ्य के साथ बादलों पर आएगा। हर आँख उसे देखेगी। राजा, अमीर, गरीब, सब घुटनों के बल झुकेंगे और न्याय का दिन आएगा।
लेकिन इन सभी बातों के बाद प्रभु ने जो सबसे महत्वपूर्ण बात कही, वह थी — “इसलिये तुम भी तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम सोचते नहीं, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा।” (मत्ती 24:44)। यह वचन हर युग, हर पीढ़ी के लिए है। यह हमें याद दिलाता है कि प्रभु का आगमन निश्चित है, लेकिन उसका समय अनिश्चित है। इसलिए हमें हर समय तैयार रहना है — जैसे एक दुल्हन अपने दूल्हे की प्रतीक्षा में तैयार रहती है।
प्रभु यीशु मसीह ने अंत के दिनों के बारे में डराने के लिए नहीं, बल्कि सतर्क करने के लिए कहा। वह हमें जागने के लिए बुला रहे हैं, आत्मिक रूप से जागने के लिए। आज यदि हम इस संसार की बातों में खोए हुए हैं, तो यह समय है रुकने का, सोचने का, और लौटने का। यह समय है जब हमें अपने जीवन को प्रभु के हाथ में सौंपना चाहिए, पवित्र आत्मा से भर जाना चाहिए, और सुसमाचार प्रचार में लग जाना चाहिए।
अंत के दिन निकट हैं — यह केवल भविष्यवाणी नहीं, यह चेतावनी है। यह हमें आत्मा, शरीर और मन से तैयार होने का अवसर दे रही है। प्रभु का प्रेम अब भी इंतज़ार कर रहा है। दरवाज़ा खुला है। और वह कहते हैं, “देखो, मैं द्वार पर खड़ा होकर खटखटाता हूं; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोले, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोज करूंगा।” (प्रकाशितवाक्य 3:20)
क्या आप तैयार हैं? 🌅
📖 मत्ती अध्याय 24: अंत के दिनों के बारे में यीशु की शिक्षा (Detailed Explanation)
🛐 1. शिष्य का सवाल
📜 “हमें बता कि ये बातें कब होंगी, और तेरे आने और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?”
📖 (मत्ती 24:3)
शिष्य यह जानना चाहते थे कि अंत के समय में कौन से चिन्ह होंगे।
🔥 प्रभु यीशु द्वारा बताए गए अंत के समय के 10 प्रमुख चिन्ह:
1. ❌ धोखा देनेवाले बहुत होंगे
📜 “चौकसी करना, कि कोई तुम्हें न बहकाए। क्योंकि बहुत से मेरे नाम से आकर कहेंगे, कि मैं मसीह हूं; और बहुतों को भरमा देंगे।”
📖 (मत्ती 24:4-5)
👉 व्याख्या:
अंत के दिनों में बहुत से लोग मसीहा या भगवान बनकर लोगों को धोखा देंगे। आज यह हम कई धर्मगुरुओं और कल्ट्स में देख सकते हैं।
2. ⚔️ युद्ध और युद्ध की अफवाहें
📜 “जब तुम युद्धों और युद्ध की अफ़वाहों की चर्चा सुनो, तो घबरा न जाना... एक जाति दूसरी जाति के विरुद्ध और एक राज्य दूसरे राज्य के विरुद्ध उठ खड़ा होगा।”
📖 (मत्ती 24:6-7)
👉 व्याख्या:
विश्व युद्ध, सीमाओं पर तनाव, और विभिन्न देशों के बीच झगड़े — ये सब अन्त के समय के संकेत हैं।
3. 🌍 भूकंप, अकाल और महामारी
📜 “जगह-जगह अकाल और भूकंप होंगे।”
📖 (मत्ती 24:7)
👉 व्याख्या:
प्राकृतिक आपदाएँ जैसे भूकंप, बाढ़, सूखा, और महामारी (जैसे COVID-19) बढ़ते जाएंगे।
4. 💔 सताव और घृणा
📜 “तब लोग तुम्हें क्लेश में डालेंगे, और मार डालेंगे; और मेरे नाम के कारण सब जातियों के लोग तुम से बैर रखेंगे।”
📖 (मत्ती 24:9)
👉 व्याख्या:
ईसाइयों को उनके विश्वास के लिए सताया जाएगा, जैसा आज बहुत से देशों में हो रहा है।
5. 🧊 प्रेम का ठंडा पड़ जाना
📜 “और अधर्म बढ़ने के कारण बहुतों का प्रेम ठंडा हो जाएगा।”
📖 (मत्ती 24:12)
👉 व्याख्या:
लोगों के दिल कठोर होंगे। प्रेम, दया, और करुणा की जगह स्वार्थ, नफरत और हिंसा बढ़ेगी।
6. 🌐 सुसमाचार का प्रचार सारी पृथ्वी पर
📜 “और राज्य का यह सुसमाचार सारी दुनिया में प्रचार किया जाएगा... तब अन्त आएगा।”
📖 (मत्ती 24:14)
👉 व्याख्या:
यीशु मसीह का सुसमाचार सभी देशों, भाषाओं और लोगों तक पहुँचेगा, फिर अंत आएगा।
7. 🛐 "घृणित उजाड़नेवाली वस्तु" का मंदिर में खड़ा होना
📜 “जब तुम उस उजाड़नेवाली घृणित वस्तु को उस स्थान में खड़ा हुआ देखो जहाँ उसे नहीं होना चाहिए...”
📖 (मरकुस 13:14, मत्ती 24:15)
👉 व्याख्या:
यीशु ने दानिय्येल की भविष्यवाणी की ओर इशारा किया। यह घटना यरूशलेम के मन्दिर से जुड़ी है और यह महाक्लेश (Great Tribulation) की शुरुआत मानी जाती है।
8. 😰 महान क्लेश (Great Tribulation)
📜 “क्योंकि उस समय ऐसा बड़ा क्लेश होगा, जैसा जगत के आरम्भ से अब तक न हुआ, और न कभी होगा।”
📖 (मत्ती 24:21)
👉 व्याख्या:
इतिहास का सबसे भयानक समय — दुख, अत्याचार, प्राकृतिक विनाश, और अंतहीन पीड़ा।
9. 🌞 सूर्य और चन्द्रमा पर अद्भुत घटनाएँ
📜 “सूर्य अन्धकारमय हो जाएगा, और चन्द्रमा अपना प्रकाश न देगा, और तारे आकाश से गिरेंगे…”
📖 (मत्ती 24:29)
👉 व्याख्या:
आकाशीय घटनाएँ जैसे ग्रहण, उल्का-वर्षा, और ब्रह्मांडीय हलचलें अंत समय के चिन्हों में होंगी।
10. ☁️ यीशु मसीह का महिमामय आगमन
📜 “तब मनुष्य के पुत्र का चिन्ह आकाश में दिखाई देगा… और वे मनुष्य के पुत्र को सामर्थ और महिमा के साथ आकाश के बादलों पर आते देखेंगे।”
📖 (मत्ती 24:30)
👉 व्याख्या:
प्रभु यीशु पुनः आएंगे, हर आँख उन्हें देखेगी। वह न्याय करने और अपने चुने हुए लोगों को लेने आएंगे।
🕯️ प्रभु की चेतावनी: जागते रहो!
📜 “इसलिये तुम भी तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम सोचते नहीं, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा।”
📖 (मत्ती 24:44)
प्रभु ने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति, यहाँ तक कि स्वर्गदूत भी, उस दिन और घड़ी को नहीं जानते। इसलिए हमें हर समय तैयार रहना है।
🙏 निष्कर्ष (Conclusion)
प्रभु यीशु मसीह ने बहुत ही विस्तार से बताया है कि अंत के दिन कैसे होंगे, और हमें कैसे तैयार रहना है।
उन्होंने हमें डराने के लिए नहीं, बल्कि जागृत और चौकस रहने के लिए इन बातों को बताया।
✅ क्या हम उनकी बातों पर ध्यान दे रहे हैं?
✅ क्या हम पवित्र जीवन जी रहे हैं?
✅ क्या हम सुसमाचार को आगे बढ़ा रहे हैं?
यदि नहीं, तो आज ही प्रभु से सच्चे मन से प्रार्थना करें, मन फिराएं, और उनके मार्ग में चलने का निर्णय लें।
📖 “देखो, मैं शीघ्र आनेवाला हूं; धन्य है वह, जो इस पुस्तक की भविष्यवाणी की बातों को मानता है।”
📖 (प्रकाशितवाक्य 22:7)
FAQs – "क्या अंत के दिन निकट हैं?" विषय पर
❓1. क्या 2025 में दुनिया खत्म हो सकती है?
📌 नहीं, बाइबल स्पष्ट कहती है कि अंत का दिन केवल परमेश्वर जानता है (मत्ती 24:36)। लेकिन समय के संकेत जरूर बता रहे हैं कि हम अंत के दिनों के बहुत करीब हैं।
❓2. क्या यीशु मसीह 2025 या 2030 तक लौट सकते हैं?
📖 यह कोई नहीं जानता, परंतु जिन घटनाओं का प्रभु ने उल्लेख किया — जैसे युद्ध, महामारी, भूकंप, और सुसमाचार का प्रचार — वे आज पूरी हो रही हैं।
❓3. क्या इज़राइल और फिलिस्तीन का युद्ध अंत समय की शुरुआत है?
📜 हाँ, ज़कर्याह 12 और प्रकाशितवाक्य 16 में यरूशलेम को भविष्य की लड़ाइयों का केंद्र बताया गया है। वर्तमान संघर्ष बाइबिल की भविष्यवाणियों के अनुरूप है।
❓4. क्या AI (Artificial Intelligence) अंत समय से जुड़ा हुआ है?
🤖 कई मसीही विचारक मानते हैं कि AI और डिजिटल ट्रैकिंग तकनीक "पशु का चिन्ह" (Mark of the Beast – प्रकाशितवाक्य 13) की तैयारी का हिस्सा हो सकते हैं।
❓5. क्या ‘पशु का चिन्ह’ (666) आने वाला है?
⚠️ बाइबिल कहती है कि एक दिन सभी लोगों को एक चिन्ह लेना होगा बिना जिसके वे खरीद-बिक्री नहीं कर सकेंगे (प्रकाशितवाक्य 13:16-18)। आज की डिजिटल ID, माइक्रोचिप, और QR आधारित सिस्टम इसी की ओर इशारा करते हैं।
❓6. क्या जलवायु परिवर्तन (Climate Change) भी अंत के दिन का संकेत है?
🌪️ हाँ। रोमियों 8:22 कहता है कि सृष्टि पीड़ा में है। बाढ़, सूखा, आग, और मौसम का बिगड़ता संतुलन अंत समय की "जन्म पीड़ाएं" हैं (मत्ती 24:8)।
❓7. क्या दुनिया में एक ही सरकार (One World Government) बनने जा रही है?
🌍 प्रकाशितवाक्य 13 में एक "पशु" का वर्णन है जो पूरी पृथ्वी पर अधिकार करेगा। आज की वैश्विक राजनीतिक एकता और डिजिटल सिस्टम इसी दिशा में जा रहे हैं।
❓8. क्या चर्च का उठाया जाना (Rapture) किसी भी समय हो सकता है?
🎺 हाँ। 1 थिस्सलुनीकियों 4:16-17 कहता है कि जब तुरही बजेगी, मसीह में मरे हुए जी उठेंगे और जीवित प्रभु से आकाश में मिलेंगे। यह अचानक होगा, इसलिए तैयार रहना ज़रूरी है।
❓9. क्या हम पहले महाक्लेश (Great Tribulation) में जाएँगे या पहले उठाए जाएँगे?
🤔 इसमें मसीही मतों में भिन्नता है (Pre-tribulation vs Post-tribulation), लेकिन सभी मानते हैं कि प्रभु जल्द आने वाले हैं, इसलिए हमें पवित्र और तैयार रहना चाहिए।
❓10. क्या अब भी उद्धार पाने का समय है?
🙏 हाँ! प्रभु अब भी दरवाज़े पर खटखटा रहा है (प्रकाशितवाक्य 3:20)। जो भी यीशु को प्रभु और उद्धारकर्ता मानकर मन फिराता है, वह बचाया जाएगा (रोमियों 10:9-10)।
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