सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जानिए yishu ke ghavo का सही अर्थ क्या है ? jesus के घाव wounds

जानिए yishu ke ghavo  का सही अर्थ क्या है ? jesus के घावwounds    क्या आपने कभी सोचा है कि Jesus को क्रूस पर चढ़ाए जाने के दौरान कितने घाव लगे थे?  ये सिर्फ शारीरिक पीड़ाएं नहीं थीं — ये हर घाव wounds  एक कहानी कहता है, एक गवाही देता है उस प्रेम की जो यीशु मसीह ने हमारे लिए चुकाया। आज के समेय मे हमे थोड़ी सी चोट लगती है तो हम दर्द से चिल्ला चिल्ला के आसमा सिर पे खड़ा कर देते है लोगों को जमा कर देते है? मगर प्रभु येशु उनके हाथ, पैर, सिर और पसली में पड़े घाव केवल रक्त से सने नहीं थे, बल्कि हमारे पापों की सजा का मोल चुकाने वाले थे। जारा खुदपर विचार कर के शोचिए के वह सजा हमे मिलने वाली थी तो हमारा क्या हाल होता  इस ब्लॉग में हम जानेंगे के प्रत्येक yishu ke ghavo का सही अर्थ क्या है ? jesus के घाव wounds , उसका आध्यात्मिक रहस्य और वह शक्ति जो आज भी उन घावों में जीवित है। प्रभु येशु का हर घाव बोलता है — "मैंने तुझे प्रेम किया, इस हद तक कि खुद को खो दिया।" ✝️ प्रभु यीशु कौन थे? प्रभु यीशु ( Jesus Christ) — वो उद्धारक थे, जो दुनिया में पाप और दुखों को दूर करने ...

आदि में वचन था क्या अर्थ है ? परमेश्वर का संदेश हमारे लिए क्या है? bible hindi

आदि में वचन था क्या अर्थ है ? परमेश्वर का संदेश हमारे लिए क्या है? bible hindi 

 ✨ "सब कुछ बाद में आया... पर वचन सबसे पहले था!"

यीशु मसीह सिर्फ शुरुआत में नहीं थे — वे ही शुरुआत हैं। आइए जानें इस दिव्य वचन का रहस्य और हमारे जीवन के लिए इसका अद्भुत संदेश। 📖💫

Jesus in the beginning

"आदि में वचन था, वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन ही परमेश्वर था" bible hindi  (यूहन्ना 1:1) — यह पद बाइबल की सबसे रहस्यमयी लेकिन जीवन बदलने वाली सच्चाइयों में से एक है, जो हमें बताता है कि यीशु मसीह केवल एक शिक्षक या भविष्यवक्ता नहीं, बल्कि स्वयं परमेश्वर हैं जो समय की शुरुआत से पहले भी मौजूद थे। "वचन" (Word) का अर्थ है — परमेश्वर का जीवंत प्रकाशन, उसका विचार, उसकी योजना और उसका चरित्र, जो मानव रूप में यीशु मसीह के द्वारा प्रकट हुआ। जब कहा जाता है कि "आदि में वचन था", तो यह दर्शाता है कि यीशु मसीह अनादि हैं 


आदि-में-वचन-था-क्या-अर्थ-है?-परमेश्वर-का-संदेश-हमारे-लिए-क्या-है?-bible-hindi

 वे समय की उत्पत्ति से भी पहले थे। और जब कहा गया कि "वचन परमेश्वर के साथ था", इसका मतलब है कि यीशु और परमपिता के बीच गहरा और दिव्य संबंध है, जो त्रैतत्व (Trinity) की सच्चाई को दर्शाता है — एक परमेश्वर, तीन व्यक्तित्व: पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा। अंत में, "वचन ही परमेश्वर था" यह सिद्ध करता है कि यीशु मसीह केवल परमेश्वर के साथ नहीं थे, बल्कि वही परमेश्वर हैं जिन्होंने सृष्टि की, और जो आज भी हमारे जीवन में कार्यरत हैं। यह सत्य हमारे लिए यह संदेश लाता है कि परमेश्वर ने अपने आप को हमारे लिए प्रकट किया ताकि हम उसे जान सकें, प्रेम कर सकें और अनंत जीवन प्राप्त कर सकें। आज का इंसान जब परमेश्वर की तलाश करता है, तो उसे बाइबल में यीशु के रूप में उत्तर मिलता है, क्योंकि वही वचन है, वही जीवन का मार्ग है, और वही उद्धार का स्रोत है। 💖🙏


आदि में वचन था और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। यही आदि में परमेश्वर के साथ था।


यूहन्ना 1:1-2

बाइबल के इन आरंभिक शब्दों में एक गूढ़ सत्य छिपा है — एक ऐसा रहस्य जो केवल समझने का विषय नहीं, बल्कि अनुभव करने का आह्वान है। जब हम यह पढ़ते हैं कि "वचन परमेश्वर था," तो यह हमें आम धार्मिक ज्ञान से बहुत आगे ले जाता है। यह हमें उस गहराई में ले जाता है जहाँ परमेश्वर स्वयं "वचन" के रूप में प्रकट होते हैं, और इसी के माध्यम से हमारे जीवन में प्रवेश करते हैं। bible hindi 

"वचन" का अर्थ केवल शब्द नहीं, बल्कि परमेश्वर की आत्मा, इच्छा और प्रकटीकरण है।

यीशु मसीह को ही "वचन" कहा गया है क्योंकि वे परमेश्वर के चरित्र और प्रेम का मूर्त रूप हैं।
इसका अर्थ है:

  • परमेश्वर ने स्वयं को हमें दिखाया, छिपाया नहीं।

  • उन्होंने हमें अपने वचन के द्वारा जाना, समझाया, और प्रेम किया।



          trendig site👽👉; jesusinfo7.blogspot.com 

🔹 परमेश्वर क्या कहना चाह रहे हैं?

जब बाइबल कहती है कि "वचन परमेश्वर था," तो इसका सीधा अर्थ है कि परमेश्वर स्वयं अपने वचन के माध्यम से हमारे पास आए। यह कोई शाब्दिक संवाद भर नहीं है, बल्कि एक जीवंत संपर्क है – मनुष्य और परमेश्वर के बीच।

यह संदेश तीन महत्वपूर्ण बातें प्रकट करता है:


✨ 1. परमेश्वर हमसे व्यक्तिगत संबंध चाहते हैं

यीशु मसीह, जो वचन हैं, वह इसलिए मानव रूप में आए ताकि हम परमेश्वर को पहचान सकें। उन्होंने हमें यह दिखाया कि ईश्वर कोई दूर बैठा न्यायाधीश नहीं, बल्कि एक प्रेमी पिता है – जो अपने बच्चों से संबंध चाहता है।


✨ 2. सत्य का प्रकाश हमारे लिए प्रकट हुआ

मनुष्य अक्सर अंधकार में भटकता है – अपने उद्देश्य, आत्मा और जीवन के मर्म को समझ नहीं पाता। वचन के रूप में यीशु इस धरती पर आए ताकि हम सत्य को पहचान सकें और जीवन की सही दिशा पा सकें।  bible hindi 


✨ 3. हम बुलाए गए हैं – प्रेम, विश्वास और सत्य के जीवन के लिए

परमेश्वर का वचन केवल एक ऐतिहासिक सच्चाई नहीं है, यह आज भी उतना ही जीवित है। हर बार जब हम वचन को पढ़ते हैं या सुनते हैं, परमेश्वर हमसे संवाद करते हैं – हमें बुलाते हैं कि हम उनके प्रेम में जियें, उनके वचनों पर विश्वास करें और एक नयी शुरुआत करें।


 "आदि में वचन था "क्या अर्थ है ?

"आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।"

यह कहने का अर्थ है कि प्रारंभ से ही यीशु (वचन) अस्तित्व में थे। वो केवल परमेश्वर के पास नहीं थे, बल्कि वे स्वयं परमेश्वर थे।


अब सवाल आता है – परमेश्वर हमसे क्या कहना चाह रहे हैं?


🙏 निष्कर्ष


"आदि में वचन था..." – ये केवल कविता नहीं है, यह हमारा जीवन बदल देने वाला सच है। यह हमें बताता है कि हम अकेले नहीं हैं। एक सर्वशक्तिमान परमेश्वर हमारे साथ है, हमारे लिए है, और हमारे भीतर कार्यरत है।

क्या हम सुन रहे हैं?

  1. यीशु का दिव्य स्वरूप – यह बताना कि यीशु केवल एक मानव नहीं, बल्कि स्वयं परमेश्वर का रूप हैं।

  2. ईश्वर का संवाद (Word) हमारे लिए है – “वचन” यानी लोगोस यूनानी में, जो यह दर्शाता है कि परमेश्वर ने अपने विचार, इच्छा और प्रेम को शब्द के माध्यम से प्रकट किया।

  3. परमेश्वर हमारे पास आए – वचन के रूप में परमेश्वर स्वयं मानव रूप में इस धरती पर आए ताकि हमें सत्य, जीवन और मुक्ति का मार्ग दिखा सकें।

  4. आत्मिक संबंध की पुकार – परमेश्वर चाहते हैं कि हम उनसे एक जीवित और गहरा संबंध रखें, क्योंकि वे हमें पहले से जानते और प्रेम करते हैं।

वह हमें आज भी पुकार रहे हैं –

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ईश्वर क्या है? पिता परमेश्वर के बारे में in bible hindi.

ईश्वर क्या है? पिता परमेश्वर के बारे में in bible hindi. 🤔 क्या आपने कभी यह सवाल किया है — परमेश्वर कौन है? वह कहाँ है? और वह वास्तव में काम कैसे करता है?😲😱👇 💁अगर आप सच्चाई की गहराई में उतरना चाहते हैं और आत्मा से जुड़ना चाहते हैं — तो यह ब्लॉग आपकी पहली सीढ़ी हो सकता है  की ईश्वर क्या है? पिता परमेश्वर के बारे में in bible hindi. में जानिए। ✨पहले बाइबल के इस वचन पढ़े 👇 यहुंना :9.2 उसके चेलों ने उससे पूछा, “हे रब्बी, किसने पाप किया थाa कि यह अंधा जन्मा, इस मनुष्य ने, या उसके माता पिता ने?”  3 यीशु ने उत्तर दिया, “न तो इसने पाप किया था, न इसके माता पिता ने परन्तु यह इसलिए हुआ, कि परमेश्वर के काम उसमें प्रगट हों। 4 जिसने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है। वह रात आनेवाली है जिसमें कोई काम नहीं कर सकता। 5 जब तक मैं जगत में हूँ, तब तक जगत की ज्योति हूँ।”(यूह. 8:12)  6 यह कहकर उसने भूमि पर थूका और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अंधे की आँखों पर लगाकर।  7 उससे कहा, “जा, शीलोह के कुण्ड में धो ल...

ईसा मसीह कौन थे? | Who Was Jesus Christ? जानिए bible hindi

 ईसा मसीह कौन थे? | Who Was Jesus Christ? 🙏✨ जानिए  अगर आप ईसा मसीह को जानने की कोशिश करते हैं तो एक बार यह ब्लॉग जरूर पढे आपको पूरी जानकारी मिलेगी 👼ईसा मसीह वास्तव में कौन थे? Isa Masih ये नाम सुनते ही प्रेम, त्याग और मुक्ति का एहसास होता है। पर क्या आपने कभी गहराई से सोचा है कि ईसा मसीह वास्तव में कौन थे? क्या वो सिर्फ एक पैग़ंबर थे? या फिर ईश्वर के पुत्र Jesus Christ? आइए, आज इस ब्लॉग में हम इतिहास, बाइबल वचन और मानवीय दृष्टिकोण से विस्तार से जानें कि आख़िर  ईसा मसीह कौन थे ? ईसा मसीह का जन्म आज से लगभग 2000 वर्ष पहले यहूदी क्षेत्र में, जो अब वर्तमान समय का इज़राइल है, हुआ था। उनका जन्म बेतलेहम नामक स्थान पर एक साधारण परिवार में हुआ था, पर यह जन्म बिल्कुल असाधारण था। मरियम नामक एक कुंवारी कन्या के गर्भ से उनका जन्म हुआ – जो पवित्र आत्मा की शक्ति से गर्भवती हुई थी (मत्ती 1:18-23)। यह एक चमत्कारी घटना थी, जो पुराने नियम की भविष्यवाणियों को पूरा करती है। 1.most popular👉: "In the name of Jesus" का मतलब आखिर क्या है? 2.most popular👉: जन्मजात अंधे को दृष्टि देना: यीशु म...