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jesus comment for end of day अंत के दिनों की चेतावनी ?

🌍jesus comment for end of day क्या प्रभु यीशु मसीह की भविष्यवाणी आज पूरी हो रही है? – अंत के दिनों की चेतावनी 🔥? समाचार चैनल खोलिए, अखबार देखिए या सोशल मीडिया स्क्रॉल कीजिए — हर तरफ बस संकट, अशांति, युद्ध, बीमारी, भूकंप और नैतिक पतन की खबरें दिखाई देती हैं। लोग पूछते हैं: “ये सब क्या हो रहा है?”, “क्या दुनिया खत्म हो रही है?”, “क्या ये आखिरी समय है?” और इसी पृष्ठभूमि में एक सवाल गूंजता है जो 2000 साल पहले भी गूंजा था — क्या प्रभु यीशु मसीह ने इन सब बातों के बारे में पहले ही नहीं कहा था? जब प्रभु यीशु अपने चेलों के साथ जैतून पर्वत पर बैठे थे, उन्होंने भविष्य के बारे में कुछ चौंका देने वाली बातें कहीं — और आज, वो बातें सच होती दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा: 📖 “जब तुम युद्धों और युद्ध की अफवाहों की चर्चा सुनो, तो घबरा न जाना; ये बातें अवश्य होंगी…” (मत्ती 24:6) 2022 से अब तक, हम एक ऐसे दौर में प्रवेश कर चुके हैं जहाँ युद्ध अब केवल बंदूकों तक सीमित नहीं हैं। यूक्रेन और रूस का युद्ध अब तीसरे वर्ष में चल रहा है, और इसने दुनिया को आर्थिक, राजनीतिक और नैतिक रूप से झकझोर दिया है।...

yeshu masih के नाम से प्रार्थना कैसे करे prayer क्यों करें ? bible hindi

🙏 येशु मसीह के नाम से प्रार्थना क्यों करें? बाइबल    👉आधारित गहन अध्ययन 📖 प्रभु यीशु के नाम में क्या शक्ति है? 👉 एक रहस्य जो आत्मा को छू जाता है जब हम "यीशु" का नाम लेते हैं, तो यह केवल एक शब्द नहीं होता — यह स्वर्ग की गहराइयों को हिला देने वाली शक्ति होती है। यह नाम किसी राजा का नहीं, बल्कि उस राजाओं के राजा का है, जिसने मृत्यु को पराजित किया, पाप को हराया और हमें जीवन, आशा और अनंत शांति दी। आज के समय में जब मनुष्य उत्तर खोजता है — जीवन के अर्थ, शांति, सुरक्षा और चंगाई के लिए — एक नाम है जो हर सवाल का उत्तर बन जाता है: yeshu masih "यीशु!" लेकिन क्या आपने कभी गहराई से सोचा है कि इस नाम में ऐसी क्या विशेष बात है? क्यों बाइबल हमें सिखाती है कि हमें यीशु के नाम से प्रार्थना करनी चाहिए? क्यों शैतान इस नाम से कांपता है? क्यों यह नाम पापियों को धर्मी, बीमार को चंगा, और मृत आत्मा को जीवित कर देता है? इस ब्लॉग में हम इस आत्मिक रहस्य पर गहराई से विचार करेंगे — बाइबल के वचनों , सच्चे अनुभवों और दिव्य सत्य के साथ। की yeshu masih के नाम से प्रार्थना कैसे करे pra...

yishu परमेश्वर के वचन (Word of god) जानिए bible hindi

😇यीशु ने खुद से भी क्यों ऊंचा रखा?परमेश्वर के वचन (Word of god)   जानिए bible hindi  बहुत लोग सोचते हैं कि प्रभु यीशु मसीह ने सबसे ज़्यादा ज़ोर केवल प्रार्थना (Prayer) पर दिया। लेकिन अगर हम बाइबिल को ध्यान से पढ़ें तो पाएंगे कि उन्होंने अपने जीवन और सेवकाई में परमेश्वर के वचन (Word of God) को सबसे ऊपर रखा — यहाँ   प्रार्थना से भी ज्यादा "परमेश्वर के वचन " को प्राथमिकता दी। यह बात चौंकाने वाली हो सकती है क्योंकि आखिर वो तो खुद मसीह थे — yishu प्रभु यीशु -परमेश्वर का पुत्र! फिर भी उन्होंने कहा: "मनुष्य केवल रोटी से नहीं, परंतु हर वचन से Word of god जीवित रहेगा जो परमेश्वर के मुख से निकलता है।"  😲क्यों? क्या वचन में कुछ खास है? क्या यही कारण है कि जब हम वचन बोलते हैं तो अंधकार और नेगेटिव शक्तियाँ भाग जाती हैं? आइए जानें इस आत्मिक रहस्य को... 🔍 🙏 वचन के आधार पर प्रार्थना करने के लाभ और सुरक्षा 🛡️ जब हम बाइबल वचनों के आधार पर प्रार्थना करते हैं, तो हम केवल अपने मन की नहीं, बल्कि परमेश्वर की इच्छा के अनुसार प्रार्थना करते हैं। 📖 इससे हमारी प्रार्...

आखिर यीशु को क्रूस पर क्यों चढ़ाया गया ? bible hindi

आखिर यीशु को क्रूस पर क्यों चढ़ाया गया ?बाइबिल आधारित गूढ़ सत्य।😱 🤔आखिर यीशु को क्रूस पर क्यों चढ़ाया गया ? bible hindi जानिए  जानिए yishu यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाने के पीछे का बाइबिल आधारित कारण, धार्मिक नेताओं की भूमिका, यहूदी कानून, और ईश्वर की योजना। एक गूढ़ और सच्चाई से भरा विश्लेषण। क्या आपने कभी सोचा है कि यीशु yeshu को क्रूस पर क्यों चढ़ाया गया? यह प्रश्न न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है बल्कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत गूढ़ है। बाइबिल के अनुसार, यीशु का क्रूसिकरण केवल एक राजनीतिक या धार्मिक साज़िश नहीं थी, बल्कि यह ईश्वर की एक पूर्व-नियोजित योजना का हिस्सा था। More Blog 😀 👋 ; जानिए In the name of Jesus meaning         💁😀☺️👉 ; यीशु मसीह के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को सरल भाषा में          tendig site👉; jesusinfo7.blogspot.com/?m=1 यीशु मसीह ने जब अपने आप को परमेश्वर का पुत्र और मसीहा घोषित किया, तब यहूदी धार्मिक नेताओं ने उन्हें ईशनिंदा (blasphemy) का दोषी माना। उनके उपदेशों ने यहूदी धर्म के कठोर नियमों औ...

आदि में वचन था क्या अर्थ है ? परमेश्वर का संदेश हमारे लिए क्या है? bible hindi

आदि में वचन था क्या अर्थ है ? परमेश्वर का संदेश हमारे लिए क्या है? bible hindi   ✨ "सब कुछ बाद में आया... पर वचन सबसे पहले था!" यीशु मसीह सिर्फ शुरुआत में नहीं थे — वे ही शुरुआत हैं। आइए जानें इस दिव्य वचन का रहस्य और हमारे जीवन के लिए इसका अद्भुत संदेश। 📖💫 Jesus in the beginning "आदि में वचन था, वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन ही परमेश्वर था"  bible hindi   (यूहन्ना 1:1) — यह पद बाइबल की सबसे रहस्यमयी लेकिन जीवन बदलने वाली सच्चाइयों में से एक है, जो हमें बताता है कि यीशु मसीह केवल एक शिक्षक या भविष्यवक्ता नहीं, बल्कि स्वयं परमेश्वर हैं जो समय की शुरुआत से पहले भी मौजूद थे। "वचन" (Word) का अर्थ है — परमेश्वर का जीवंत प्रकाशन, उसका विचार, उसकी योजना और उसका चरित्र, जो मानव रूप में यीशु मसीह के द्वारा प्रकट हुआ। जब कहा जाता है कि " आदि में वचन था ", तो यह दर्शाता है कि यीशु मसीह अनादि हैं    वे समय की उत्पत्ति से भी पहले थे। और जब कहा गया कि "वचन परमेश्वर के साथ था", इसका मतलब है कि यीशु और परमपिता के बीच गहरा और दिव्य संबंध है, जो त्र...