अन्य भाषा का वरदान क्या है? | What is the Gift of Tongues? ✨ अन्य भाषा का वरदान ( Gift of Tongues) वह अलौकिक सामर्थ्य है जिसे पवित्र आत्मा द्वारा प्रभु यीशु (jesus christ)के विश्वासियों को दिया गया, जिससे वे ऐसी भाषाओं में प्रार्थना और आराधना कर सकते हैं जिन्हें उन्होंने पहले कभी सीखा नहीं। यह वरदान सिर्फ शब्दों का खेल नहीं, बल्कि आत्मा की गहराई से परमेश्वर के साथ जुडने का ऑर संवाद का एक माध्यम है। अगर आप इस ब्लॉग को पूरा पढ़ते है तो बाइबल मे छुपे इस रहास्य को समज ने मे आप को आसानी होगी आप प्रभु येशु को जन पाइगे तो चलिए जानते है की Gift of tongues jesus in Hindi अन्य भाषा का वरदान क्या है? बाइबिल में लिखा है: “ जब वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, तब वे अन्य भाषा बोलने लगे जैसा आत्मा ने उन्हें बोलने के योग्य किया।” ( प्रेरितों के काम 2: 4) मुख्य बातें: यह वरदान आत्मिक सामर्थ्य और आत्मा से गहरे संबंध का प्रमाण है। यह आत्मिक वृद्धि, आत्मा की आराधना और परमेश्वर से प्रत्यक्ष संवाद का तरीका है। यह वरदान पवित्र आत्मा की उपस्थिति और अगुवाई को दर्शाता ह...
✨ "मैं हूँ" – यीशु मसीह के इस कथन पर क्यों भड़क उठे यहूदी? 😮🪨 📝 परिचय (Introduction)bible hindi यीशु मसीह का जीवन और उनकी शिक्षाएं अद्भुत थीं। उन्होंने चमत्कार किए, प्रेम और क्षमा का संदेश दिया, और परमेश्वर के राज्य की घोषणा की। लेकिन जब उन्होंने एक विशेष वाक्य कहा — "मैं हूँ" , तो यहूदी बहुत गुस्सा हो गए और उन्हें पत्थर मारने की कोशिश की। 🤯 पर सवाल यह है कि यीशु मसीह ने क्या कहा था ? में हूँ — क्या सिर्फ "मैं हूँ" कहने से किसी को मारने की कोशिश करना जायज़ था? इस ब्लॉग में हम इस विषय को गहराई से समझेंगे, बाइबल के वचनों के साथ, और जानेंगे कि ये शब्द यहूदियों को इतने अपमानजनक क्यों लगे। 📖 😲 यीशु मसीह ने क्या कहा था ? ( में हूँ ) जानिए bible hindi. ऐसा क्या कहा कि लोग पत्थर उठाने लगे? कल्पना कीजिए, आप किसी सार्वजनिक जगह पर खड़े हैं। लोग धार्मिक बातों पर चर्चा कर रहे हैं, कुछ अपने विश्वासों को साझा कर रहे हैं। तभी एक व्यक्ति खड़ा होता है और आत्मविश्वास से कहता है – "मैं हूँ!" यह सुनते ही माहौल बदल जाता है। लोग गुस्से में आ जाते हैं, उनक...